देश के सभी प्रदेशों में बारिश के चलते गर्मी से जहां एक ओर राहत है तो वहीं ज्यादा बारिश के कारण भी लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अपने प्रदेश के मौसम की ताज़ा अपडेट जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर।
Weather Update
पूरे देश में हो रही बारिश के चलते जहां सावन में एक ओर गर्मी से राहत के आसार हैं तो वहीं लगातार हो रही बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव जैसी स्थितियां बनती जा रही हैं। देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से अलग-अलग स्थानों पर हल्की से भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग की मानें तो आज दिल्ली में कई स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। वहीं देश के अन्य प्रदेशों में अलग-अलग स्थानों पर भी हल्की से भारी बारिश हो सकती है। तो आइये जानते हैं अपने प्रदेश के मौसम का हाल।
देश के इन क्षेत्रों में होगी भारी बारिश
कोंकण और गोवा में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। वहीं महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तराखंड, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, ओडिशा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, यनम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल और माहे के कुछ जगहों पर भी भारी बारिश हो सकती है।
तूफानी हवाओं के चलते जारी किया गया अलर्ट
पूर्वमध्य अरब सागर के निकटवर्ती इलाकों में तूफानी मौसम की गति 40-45 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच रह सकती है। वहीं केरल-कर्नाटक-महाराष्ट्र-गुजरात के तटीय इलाकों में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।
जिस कारण मछुआरों को इन क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग ने आज से लेकर आने वाले कुछ दिनों तक एक बार फिर से भारत के कई राज्यों में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की चेतावनी जारी कर दी है।
Heavy rain alert once again in the country
जुलाई महीने के पहले सोमवार की शुरुआत देशभर में हल्की बारिश के साथ ही हुई है। देखा जाए तो भारत में बीते कुछ दिनों से भी बारिश का दौर जारी है। ज्यादातर राज्यों में तो अधिक बारिश होने के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों तक देश के कई बड़े राज्यों में हल्की से भारी बारिश हो सकती है। तो आइए जानते हैं आज की मौसम से जुड़ी ताजा अपडेट…
दिल्ली में बारिश का अलर्ट
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में बीते दिनों से रुक-रुक के बारिश हो रही है। ऐसे में मौसम विभाग ने अब आने वाले समय में दिल्ली के ज्यादातर इलाको में एक बार फिर से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। अनुमान है कि आज से लेकर अगले तीन-चार दिन तक दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है. साथ ही तापमान में भी भारी गिरावट आ सकती है। IMD के अनुसार, अगले 24 घंटे में हल्की से भारी बारिश होने से न्यूनतम तापमान 26-27 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 36-37 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है।
अगले 5 दिनों तक होगी भारी बारिश
मौसम विभाग की अपडेट के मुताबिक, अगले 5 दिनों के दौरान कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल और माहे और तटीय आंध्र प्रदेश में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। साथ ही यह भी अनुमान है कि 03 से 05 जुलाई के दौरान तेज हवाएं भी चल सकती हैं।
पश्चिम भारत में भी अगले 5 दिनों तक हल्की/मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक, आज गुजरात, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा और बिहार में भी आज हल्की से भारी बारिश हो सकती है।
अगर आप गर्मी के मौसम (Summer Season) में फसलों और पशुओं को गर्मी और सूखे से बचाना चाहते हैं और अच्छा उत्पादन व लाभ पाना चाहते हैं तो इन तरीकों को अपना सकते हैं….
Effects of heat and drought on crops
गर्मी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है ऐसे में किसानों और पशुपालकों को अपनी फसलों और पशुओं की चिंता सताने लगी है। क्योंकि ये झुलसाने वाली गर्मी फसलों और पशुओं को नुकसान पहुंचा सकती है. क्योंकि कई अध्ययनों में पाया गया है कि गर्मी और सूखे जैसी मौसम की स्थिति कृषि पर कई नकारात्मक प्रभाव (Negative effects on crops) डालती है। इससे पैदावार कम होने की भी संभावना बढ़ जाती है। तो ऐसे में आइये जानते हैं गर्म मौसम (Hot Climate) की वजह से कृषि में कहा-कहा प्रभाव पड़ता है।
फसलों पर गर्मी और सूखे का प्रभाव
आपको बता दें कि गर्म जलवायु की वजह से मिट्टी शुष्क और कम उपजाऊ हो सकती है, और इसके अलावा गर्मी में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) भी बढ़ती है। जिसकी वजह से कई खरपतवार, कीट और कवक पनपने शुरू हो जाते हैं। जो पौधों की वृद्धि को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। जिससे ज्यादातर पौधों की प्रजातियों में प्रोटीन और आवश्यक खनिजों की सांद्रता कम हो सकती है।
Effects of heat and drought on livestock
पशुधन पर गर्मी और सूखे का प्रभाव
अगर हम पशुधन की बात करें, तो गर्मी और सूखे की वजह से पशुपालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. क्योंकि गर्मी की वजह से जानवरों में तनाव पैदा हो सकता है जोकि आगे चल कर जानवरों की बीमारी के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है। इससे उनकी प्रजनन क्षमता (Fertility) और दूध उत्पादन की गुणवत्ता (Milk Production Quality) और मात्रा भी कम हो सकती है। इसके अलावा सूखे की वजह से चारागाह और पशुओं के चारे (Animal Fodder) की आपूर्ति को भी खतरा हो सकता है। क्योंकि यह चरने वाले पशुओं के लिए उपलब्ध गुणवत्तापूर्ण पत्ते की मात्रा को कम कर देता है। जिससे पशुओं को पौष्टिक चारा नहीं मिल पाता है।
Plant heat and drought-tolerant crops in the fields
गर्मी के मौसम में फसलों पर गर्मी और सूखे की मार को कम करने के लिए खेती की ख़ास तकनीकें
1) खेतों में गर्मी और सूखा-सहिष्णु फसलें लगाएं
अगर आप गर्मी के मौसम (Farming in summer season) में खेती करते हैं तो आप गर्मी में ऐसी फसलें का चुनाव (Selection summer crops) करें जो गर्मी और सूखा-सहिष्णु हों. क्योंकि ये फसलें ऐसी होती हैं उच्च तापमान को सहन कर सकती हैं. इनको सिंचाई की ज्यादा जरुरत नहीं होती है. सीमित जल संसाधनों वाले क्षेत्रों में भी इस प्रकार की फसलें वास्तव में काफी उपयोगी मानी जाती हैं
adopt mulching techniques
2) पलवार यानि मल्चिंग तकनीक अपनाएं
मल्चिंग एक ऐसी कृषि तकनीक है जिसके द्वारा मिट्टी की जलधारण क्षमता (water holding capacity )को बेहतर बनाने और प्रतिकूल मौसम की स्थिति से फसलों को बचाने के लिए मिट्टी की सतह को कार्बनिक या अकार्बनिक सामग्री से ढक दिया जाता है. इससे खरपतवार की वृद्धि पर भी रोक लगती है और मिट्टी की पोषण मात्रा में भी सुधार होता है।
क्योंकि गर्मी में उच्च तापमान होने की वजह से मिट्टी बहुत जल्दी ही सूखने लगती है. जिससे पौधों की जड़ों को नुकसान पहुँचता है और पौधों को पोषक तत्व ग्रहण करने में भी काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।
आपको बता दें कि मल्चिंग तकनीक मिट्टी और सूर्य के बीच एक बाधा के रूप में कार्य करती है. यह मिट्टी द्वारा अवशोषित (Absorbed) की जाने वाली गर्मी की मात्रा को काफी हद तक कम करती है, जिससे पौधों की जड़ों को गर्मी के तनाव से सुरक्षित रखा जा सकता है।
3) फसलों को छाया प्रदान करें
किसान भाई फसलों पर गर्मी के तनाव के प्रभाव को कम करने के लिए पौधों को पर्याप्त छाया प्रदान करें. क्योंकि गर्मी के तनाव से पत्तियां और फूल समय से पहले ही मुरझा सकते हैं उनका विकास काफी हद तक रुक सकता है और उपज में भी कमी आ सकती है।
इसके अलावा लंबे समय तक धूप के संपर्क में रहने की वजह से पौधे की पत्तियां ज्यादा गर्मी की वजह से जल भी सकती हैं। इसलिए छाया प्रदान करके हम पौधे तक पहुँचने वाली सीधी धूप की मात्रा को काफी कम कर सकते हैं, जिससे फसल को पर्यावरणीय तनाव से बचाकर हम फसल की उपज में काफी सुधार कर सकते हैं।
भारत में सावन के आगमन से पहले ही कई राज्यों में मानसून की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। ऐसे में देश के तमाम राज्यों में IMD ने मध्यम से भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है।
4 जुलाई तक होगी इन राज्यों में बारिश
जुलाई माह शुरु होने बस एक ही दिन बचा है. लेकिन अभी तक देश के विभिन्न शहरों में बारिश बंद होने का नाम नहीं ले रही है। देखा जाए तो भारत की राजधानी दिल्ली और अन्य कई राज्यों में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश से लोगों की दिक्कतें दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं। कई स्थानों पर तो जलभराव की स्थिति के चलते यातायात प्रभावित हो रहा है। बता दें कि मौसम विभाग ने भी आने वाले कुछ दिनों तक कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट पहले ही जारी कर दिया है।
दिल्ली में 4 जुलाई तक होगी बारिश
दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है जिसके चलते दिल्ली का मौसम ठंडा बना हुआ है। देखा जाए तो रात के समय दिल्लीवासियों को पंखा चलाने के साथ-साथ चादर भी ओड़नी पड़ रही है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में बारिश का यह सिलसिला अभी 4 जुलाई तक जारी रह सकता है। अनुमान है कि इस दौरान दिल्ली में तेज हवाएं व बिजली कड़कने वाली बारिश होने की संभावना है।
मानसून की स्थिति
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के शेष हिस्से में अगले 2 दिनों के दौरान हल्की से भारी बारिश होने की संभावना है। 03 जुलाई तक उत्तराखंड और पश्चिमी राजस्थान सहित मध्य भारत के विभिन्न इलाकों में बारिश को लेकर चेतावनी जारी कर दी है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में आज और अगले दो दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है।
मौसम (Weather)
अनुमान है कि अगले 5 दिनों तक कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र के क्षेत्रों में बारिश होने की आंशका जताई गई है। इस दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में भारी वर्षा होने की संभावना है। साथ ही केरल और माहे, तटीय इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की उम्मीद है।
मौसम विभाग ने आज दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, विदर्भ, मराठवाड़ा, रायलसीमा, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में भी भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है।
जिस तरह से दुनिया जल संकट की तरफ तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि विश्वभर में साल 2025 तक कई देश जल संकट की परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। इस लेख में पढ़ें पूरी जानकारी।
Many countries will be forced to live in conditions of water crisis
भारत में 9.64 करोड़ क्षेत्र में मरुस्थलीकरण हो रहा है, जो भारत के कुल भूमि क्षेत्र का 30 फीसदी हिस्सा है। देखा जाए तो आने वाले दिनों में मरुस्थलीकरण काफी बड़ी समस्या बन सकती है। यह संयुक्त राष्ट्र के इस अनुमान से समझा जा सकता है कि साल 2025 तक दुनियाभर के दो-तिहाई लोग जल संकट की परिस्थितियों से जूझ सकते हैं, जिससे मरुस्थलीकरण के चलते विस्थापन बढ़ेगा और 13 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक विश्व भर के कुल क्षेत्रफल का करीब 20 फीसद भूभाग मरुस्थलीय के रुप में है। जबकि वैश्विक क्षेत्रफल का करीब एक तिहाई भाग सूखाग्रस्त भूमि के रूप में है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार गहन खेती के कारण 1980 से अब तक धरती की एक चौथाई उपजाऊ भूमि नष्ट हो चुकी है और दुनिया भर में रेगिस्तान का दायरा निरंतर विस्तृत हो रहा है इस कारण आने वाले समय में कई चीजों की कमी हो सकती है। विश्व भर में करीब एक सौ तीस लाख वर्ग किलोमीटर भूमि मानवीय क्रियाकलापों के कारण रेगिस्तान में बदल चुकी है। प्रति मिनट करीब 23 हेक्टेयर उपजाऊ भूमि बंजर भूमि में तब्दील हो रही है। इस कारण खाद्यान्न उत्पादन में प्रतिवर्ष दो करोड़ टन की कमी आ रही है। दुनिया के दो तिहाई हिस्से में भू क्षरण की समस्या गंभीर हो गई है। इस कारण कृषि उत्पादन पर नकारात्मक असर पड़ रहा है, सूखे तथा प्रदूषण की चुनौती भी बढ़ रही है। भूमि में प्राकृतिक कारणों तथा मानवीय गतिविधियों के कारण जैविक या आर्थिक उत्पादन में कमी की स्थिति को भू-क्षरण कहा जाता है। जब यह अपेक्षाकृत सूखे के क्षेत्र में घटित होता है, तो तब इसे मरुस्थलीकरण कहा जाता है। दरअसल इस समय पूरी दुनिया में धरती पर सिर्फ 30 फ़ीसदी हिस्से में ही वन शेष बचे हैं और उसमें से भी प्रतिवर्ष इंग्लैंड के आकार के बराबर हर साल नष्ट हो रहे हैं दुनिया भर में लोगों के लिए खाने-पीने की समुचित उपलब्ध बनाए रखने की खातिर भू-क्षरण रोकना और नष्ट हुई उर्वरक भूमि को उपजाऊ बनाना आवश्यक है।
चीन ने अपने एक बहुत बड़े रेगिस्तान के क्षेत्र को 30 सालों में हरे-भरे मैदान में बदलकर दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की. जहां तक भारत का सवाल है, यहां मरुस्थलीकरण बड़ी समस्या बनता जा रहा है। मरुस्थली क्षेत्र विस्तार भूक्षरण और सूखे पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र के एक उच्च स्तरीय संवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया था कि भारत अगस्त 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर क्षरित भूमि को उपजाऊ बनाने की दिशा में अग्रसर है जिससे ढाई से तीन अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कार्बन अवशोषित किया जा सकेगा। भू क्षरण से फिलहाल भारत की करीब 30 फ़ीसदी भूमि प्रभावित है, जो बेहद चिंताजनक है। पर्यावरण क्षति की भरपाई के प्रयासों के तहत पिछले एक दशक में करीब 300000 हेक्टेयर वन क्षेत्र का विस्तार किया गया है।
भारत ने जून 2019 में परीक्षण के तौर पर पांच राज्य हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, नगालैंड, कर्नाटक में वनाच्छादित क्षेत्र बढ़ाने की परियोजना शुरू की थी और अब इस परियोजना को धीरे-धीरे मरुस्थलीकरण से प्रभावित अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जा रहा है। प्रकाशित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि देशभर में 9.64 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में मरुस्थलीकरण हो रहा है, जो भारत के कुल भूमि क्षेत्र का करीब 30 फ़ीसदी हिस्सा है।
इस क्षरित भूमि का 80 फीसदी हिस्सा केवल 9 राज्यों में राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, झारखंड, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, और तेलंगाना में है। दिल्ली, त्रिपुरा, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश और मिजोरम में मरुस्थलीकरण की प्रक्रिया काफी तेज है। भारत के कई राज्यों जैसे कि झारखंड, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात और गोवा के लगभग 50% से भी अधिक हिस्सों में क्षरण हो रहा है। बड़े पैमाने पर प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से मरुस्थलीकरण अर्थात उपजाऊ जमीन के बंजर बन जाने की समस्या विकराल हो रही है। सूखे इलाकों में जब लोग पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों का जरूरत से ज्यादा दोहन करते हैं तो वहां पेड़ पौधे खत्म हो जाते हैं और उस क्षेत्र की जमीन बंजर हो जाती है अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से वैश्विक स्तर पर मरुस्थलीकरण का मुकाबला करने के लिए जन जागरूकता का बढ़ावा दिया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1994 में मरुस्थलीकरण रोकथाम का प्रस्ताव रखा था। भारत में उस पर 14 अक्टूबर 1994 को हस्ताक्षर किए। देश के थार मरुस्थल ने उत्तर भारत के मैदानों को सर्वाधिक प्रभावित किया है। चिंताजनक स्थिति यह है कि थार के मरुस्थल में प्रतिवर्ष 13000 एकड़ से भी अधिक बंजर भूमि को वृद्धि हो रही है।
मौसम विभाग ने इस महीने की आखरी तारीख यानी की 30 जून तक बारिश से संबंधित अपडेट देशभर के लिए जारी कर दी है।
IMD का अलर्ट
भारत के विभिन्न राज्यों में बीते कुछ दिनों से हल्की से भारी बारिश का सिलसिला जारी है. अनुमान है कि भारी बारिश का यह दौर जून महीने की आखरी तारिख तक रहने वाला है. ऐसे में IMD ने मौसम से जुड़ी भविष्यवाणी पहले ही जारी कर दी है।
दिल्ली का मौसम
बीते कल दिल्ली के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की गतिविधियां देखी गई हैं। वहीं अगर हम आज की बात करें, तो IMD की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के कुछ इलाकों में आज हल्की से भारी बारिश होने की संभावना जाताई है। यह भी अनुमान है कि आज दिल्ली में हल्के बादल छाए रह सकते हैं। वहीं सुबह के समय दिल्ली का तापमान 31 डिग्री सेल्सियस से लेकर 35 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है। दोपहर के समय यह तापमान 39 से 44 डिग्री सेल्सियस तक होने की संभावना है। इसके अलावा IMD का पूर्वअनुमान है कि आज दिल्ली में हवाओं की रफ्तार 6-7KM/h तक हो सकती है।
मानसून की गतिविधियां
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून उत्तरी अरब सागर के कुछ हिस्सों की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिसके चलते गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के शेष हिस्सों में आज भारी बारिश देखने को मिल सकती है। असम, मेघालय, अरुणाचल और ओडिशा में भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने 30 जून तक जारी कर दी है। इसके अलावा इन इलाकों में आंधी और बिजली गिरने की संभावना है।
अगले 5 दिनों के दौरान पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
IMD के अनुसार, अगले 3-4 दिनों के दौरान मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में आंधी और बिजली गिरने को लेकर लोगों को सुरक्षित रहने की सलाह जारी की गई है।
कोंकण और गोवा, गुजरात राज्य और मध्य के घाट क्षेत्रों में भारी वर्षा होने की संभावना है। बारिश का यह दौर अगले 5 दिनों तक बना रहने की पूरी संभावना है।
मौसम विभाग ने भारत के विभिन्न राज्यों में 29 जून तक भारी बारिश के साथ आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी जारी कर दी है। यहां जानें आज कहां बारिश होगी।
Monsoon 2023
बकरा ईद आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन वहीं इस दौरान मौसम ने अपना रुख बदलना शुरु कर दिया है। देखा जाए तो मानसून 2023 ने भारत के कई राज्यों में दस्तक दे दी है। ऐसे में IMD ने भी मौसम से जुड़ी ताजा अपडेट जारी कर दी है। ताकि लोग बारिश व गर्मी से अपने आप को सुरक्षित रख सके। आइए जानते हैं कि आज आपके शहर में मौसम का हाल कैसा रहने वाला है।
दिल्ली बारिश से भीगी
दिल्ली में कल रात से हो रही हल्की बारिश ने अचानक दिल्ली का मौसम ठंडा कर दिया है। अनुमान है कि आज भी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश होने की आंशका है। मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली में बारिश का यह दौर 29 जून यानि की बकरा ईद तक बना रह सकता है। IMD के मुताबिक, आज दिल्ली के न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है।
इन इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी
आज ओडिशा में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा IMD के मुताबिक, आने वाले दिनों यानी 28 और 29 तारीख को असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में हल्की से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 02 दिनों के दौरान पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में छिटपुट वर्षा होने की संभावना है।
28 जून को पूर्वी राजस्थान में तेज हवाओं के साथ अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की गई है. 26, 27 और 29 को तक उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में हल्की/मध्यम से वर्षा के साथ आंधी और बिजली गिरने की संभावना है। साथ ही अगले 2 दिनों के दौरान कर्नाटक, केरल और माहे में भी भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
बरसात के मौसम में लोग अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। शरीर में इम्यून कमजोर होने के कारण ऐसा होता है. इन छह तरीकों से बरसात के मौसम में सही रख सकते हैं इम्यून।
इन छह तरीकों से सही रख सकते हैं इम्यून
बरसात शुरू होने के साथ ही सभी लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए। इस मौसम में खांसी, सर्दी, फ्लू और दस्त के साथ डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारियां आम हो जाती हैं। भले ही बरसात का मौसम सभी को अच्छा लगता है। लेकिन इस मौसम में खासकर उन लोगों को बचकर रहना चाहिए. जिन्हें पहले से ही हाई ब्लडप्रेशर, पेट दर्द या थायरॉयड संबंधी समस्याएं हैं। बरसात में भीगने के बाद लोग एलर्जी, फ्लू और सर्दी का शिकार हो सकते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि बारिश में ज्यादातर बीमारियां शरीर में इम्यून कमजोर होने की वजह से बढ़ती है। ऐसे में हमारे बताए इन छह उपायों को अपनाकर अपना इम्यून सही रख सकते हैं।
संतुलित आहार लें
अपने भोजन में विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन आदि को शामिल करें. यह आपको इम्यून सिस्टम मजबूत करने व आवश्यक पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करने में मदद करेंगे।
हाइड्रेटेड रहें
बरसात में अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पूरे दिन खूब पानी पिएं. यह इन्फेक्टेड चीजों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत रखने का काम करता है.
विटामिन सी का सेवन बढ़ाएं
विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे खट्टे फल, जामुन, कीवी और बेल मिर्च का सेवन करें. ये आपके इम्यून सिस्टम को बढ़ा सकते हैं। इन्हें अपने आहार में शामिल करने पर विचार करें।
पर्याप्त नींद लें
हर रात 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें. पर्याप्त आराम आपके शरीर को ठीक होने में मदद करता है और आपकी इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। इसके अलावा, सुबह उठने के बाद जॉगिंग या साइकिल चलाने जैसे व्यायाम करें. नियमित शारीरिक गतिविधि से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और संक्रमण का खतरा कम होता है।
स्वच्छ रहें
अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं। उचित स्वच्छता कीटाणुओं और संक्रमणों को फैलने से रोकने में मदद करती है। वहीं, बारिश के मौसम में भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें. भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अपना समय कम से कम बिताने की कोशिश करें।
मच्छरों से रहें सुरक्षित
बारिश के मौसम में मच्छर जनित बीमारियां अधिक होती हैं। मच्छरों के काटने से बचने के लिए मच्छर निरोधकों का प्रयोग करें. वहीं, हमेशा ढके हुए शर्ट व पैंट पहनें। इसके अलावा, मच्छरदानी के नीचे सोएं. अगर बरसात में मच्छरों से सावधानी नहीं बरती तो आप डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
मौसम विभाग ने बारिश को लेकर विभिन्न राज्यों में पहले ही चेतावनी जारी कर दी है। यह भी अपडेट है कि बारिश का दौर दिल्ली और इसके आसपास सटे इलाके में 29 जून तक बना रह सकता है।
Heavy rain alert till June 29
भारत के विभिन्न हिस्सों में कहीं बारिश तो कहीं भीषण गर्मी का दौर जारी है। देखा जाए तो बीते दो-तीन दिनों से दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में भी पारा लगातार तेजी से बढ़ रहा है। इस समय दिल्ली में भीषण गर्मी का प्रकोप (Heat Wave) जारी है। ऐसे में IMD ने देशभर के राज्यों को लेकर मौसम से संबंधित गतिविधियों से जुड़ी ताजा अपडेट जारी कर दी है।
दिल्ली में गर्मी का प्रकोप
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस समय गर्मी का सितम (Heat stroke) बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन वहीं मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली के कुछ हिस्सों में 29 जून, 2023 तक हल्की बारिश की गतिविधियां की संभावना जताई है। यह भी अनुमान है कि आज और कल दिल्ली में भारी बारिश हो सकती है। वहीं अगर आज के तापमान की बात करें, दिल्ली में न्यनूनत तापमान 29 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है। दोपहर के समय दिल्ली के कुछ इलाकों में गर्म हवाएं भी चलने की संभावना जताई गई है।
29 जूनतक इन राज्यों में होगी बारिश
अगले 3 दिनों के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार के विभिन्न हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां भी अनुकूल होती जा रही हैं।
आज से पूर्वी भारत में हल्की बारिश के साथ आंधी और बिजली गिरने की संभावना है. इसके अलावा 26 जून के दौरान ओडिशा में भारी बारिश हो सकती है।
यह भी अनुमान है कि 26 से 28 जून के दौरान नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, असम और मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की भी संभावना है।
मौसम विभाग के द्वारा जारी की गई ताजा अपडेट के मुताबिक, आज से लेकर 28-29 जून तक जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली तथा पूर्वी राजस्थान में भी हल्की से भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विभाग ने भारत के कई छोटे-बड़े शहरों में बारिश के साथ-साथ लू चलने की भी चेतावनी जारी कर दी है. यहां जानें अपने शहर का हाल…
Weather Alert
देशभर के कुछ राज्यों में बीते दो दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते तापमान में बढ़ी गिरावट देखने को मिली है. लेकिन अब संभावना है कि आज से भारत के कई हिस्सों में गर्मी का कहर भी देखने को मिल सकता है. ऐसे में यह भी अनुमान है कि तूफान के चलते ज्यादातर राज्यों में हल्की से भारी बारिश की चेतावनी है. मौसम परिवर्तन को देखते हुए IMD ने भविष्यवाणी जारी कर दी है।
दिल्ली में बारिश की संभावना
बीते कुछ दिनों से दिल्ली के विभिन्न इलाकों में हल्की बारिश से तापमान में थोड़ी कमी देखने को मिल रही है. लेकिन वहीं दिल्ली के कुछ इलाकों में बारिश होने के बाद दोपहर के समय उमस वाली गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं अगर हम आज की बात करें, तो दिल्ली में आज IMD का कहना है कि आज दिल्ली में बादल छाए रहने की संभावना है और साथ ही हल्की बारिश की भी चेतावनी जारी की है. इसके अलावा मौसम विभाग का कहना है कि आज न्यूनतम तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 35-37 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है।
अगले 24 घंटे में इन राज्यों में होगी बारिश
मौसम विभाग के द्वारा जारी की गई ताजा अपडेट के मुताबिक, आने वाले 24 घंटे को अंदर सिक्किम, असम, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है.
यह भी अनुमान है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा उत्तर पूर्व राजस्थान, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और रायलसीमा में छिटपुट बारिश हो सकती है. इसके अलावा IMD ने इन शहरों में तेज हवाएं चलने की भी चेतावनी जारी की है।
यहां चलेगी लू
मौसम विभाग की मानें तो आज से विदर्भ, छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा में प्रंचड लू चलने की चेतावनी जारी की है. देखा जाए तो आज भी इन इलाकों में लू चलीं. ऐसे में IMD ने लोगों को सुरक्षित रहने की सलाह भी जारी की है. ताकि वह लू (Loo) की मार से बच सकें।