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World Environment Day : क्यों मनाया जाना चाहिए विश्व पर्यावरण दिवस?

बढ़ते प्रदूषण के चलते पूरे विश्व में ग्लोबल वार्मिंग का खतरा मंडरा रहा है, जिसके कारण तापमान में बदलाव देखने को मिल रहा है, विश्व पर्यावरण दिवस के जरिए हम पर्यावरण को बचाने के लिए कुछ प्रयास कर सकते हैं…

ग्लोबल वार्मिंग के चलते अभी हाल ही में बहुत सी घटनाएं सामने आई थी जिसमें से एक उत्तराखण्ड के चमोली जिले में ग्लेशियर के पिघलने से जान और माल दोनों का बहुत भारी नुकसान होना की थी, वैज्ञानिकों ने इसका कारण ग्लोबल वार्मिंग बताया था, बता दें कि इससे पहले वर्ष 2013 में भी उत्तराखण्ड के कई जिलों में भारी तबाही मची थी, जिसमें केदारनाथ धाम में आई आपदा से आप वाकिफ ही होंगे, जिसमें हजारों लोगों की मौत हुई थी. एक ही राज्य नहीं आय दिन ग्लोबल वार्मिंग के चलते बहुत से राज्यों में नुकसान देखने को मिलता है।

ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming)

आज के आधुनिक युग में हम नईं टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार पर अधिक ध्यान दे रहे हैं, जो कि भारत को उन्नति की ओर ले जा रहा है, मगर विकास के पद पर चलते हुए हम पर्यावरण पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. लोगों को सुविधा हो इसके लिए सरकार द्वारा हर घर, सड़क जैसे योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसके चलते वनों की कटाई भी की जाती है जिसकी वजह से पेड़ों की कमी से भी जलवायु परिवर्तन जैसी समस्या पैदा हो रही है. फैक्ट्रियों और वाहनों का धुंआ भी पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा रहा है।

कब हुई विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत (World Environment Day)

5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, इसकी शुरुआत  सबसे पहले स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई थी, वर्ष1972 में स्टॉकहोम में पहली बार पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें 119 देशों में हिस्सा लिया था. बता दें कि इससे पहले पर्यावरण दिवस की नींव संयुक्त राष्ट्र ने रखी थी.

चिपको आन्दोलन

पर्यावरण को बचाने के लिए कई बड़े आन्दोलन भी किए गए जिसमें से एक था चिपको आन्दोलन, जो कि 70 के दशक में शुरू किया गया इसका मुख्य उद्देश्य वनों की कटाई को रोकना था, चमोली के जंगलों से लगभग 2 हजार से अधिक पेड़ काटने की इजाजत एक कंपनी लेकर आई थी, जिसके विरोध में वहां की महिलाएं पेड़ को गले लगाकर पेड़ ना काटने के लिए आंदोलन करने लगी, फिर बाद में महिलाओं का हौंसला देख गांव वालों ने भी जूलुस निकालकर विरोध किया. अंत में कंपनी वालों को हार मानकर वहां से जाना पड़ा।

विश्व पर्यावरण दिवस क्यों मनाएं (World Environment Day)

जनजीवन के लिए पर्यावरण का होना बेहद जरुरी है, शुद्ध हवा, ताजा पानी हमें कई बीमारियों से निजात दिला सकता है. पर्यावरण को बचाने के लिए हमें कथक प्रयास करने चाहिए. क्योंकि प्रकृति है तो मनुष्य जीवन है. हम विकास के लिए कामों को रोक तो नहीं सकते मगर, पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाकर, कूड़ा ना फैलाकर, सार्वजनिक वाहनों का उपयोग कर, इन छोटे- छोटे प्रयासों से हम पर्यावरण को बचा सकते हैं. यह प्रयास सबको मिलकर करना होगा, क्योंकि एक के करने से क्या फर्क पड़ता है, मगर एक-एक के करने से बहुत फर्क पड़ता है.

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