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Our Directer of CBEIC(CHAMBER OF BUSINESS AND ENTREPRENEUR INDIA COUNCIL)Attende Indian Cooperative Congress.

Prime Minister Narendra Modi will inaugurate the two-day 17th Indian Cooperative Congress on July 1 in the national capital and launch an e-commerce platform NCUI Haat for cooperative products.

Modi will also unveil a cooperative extension and advisory services portal, focusing on a ‘learning management system’ that provides information and services for cooperative members, leaders, managers and the general public.

The prime minister will also unveil a book on ‘Cooperative Growth and Trends in India’, a souvenir on cooperative movement, training modules on “Members’ role in cooperative” and “Governance in cooperatives”, besides a film on the initiatives of the Cooperation Ministry.

Union Home and Cooperation Minister Amit Shah will preside over the inaugural session of the Congress — organised by the National Cooperative Union of India (NCUI) — that will focus on the theme “Amrit Kaal — Prosperity through cooperation for a vibrant India”.

Lok Sabha Speaker Om Birla will be a chief guest at the valedictory function on July 2. Chemical and Fertiliser Minister Mansukh Mandaviya and Animal Husbandry, Fishery and Dairying Minister Parshottam Rupala will also be present.

“The objective of the Congress is to discuss and deliberate upon the key issues, confronting the cooperative sector and chalk out an effective roadmap for the ‘Amrit Kaal’,” NCUI President and IFFCO Chairman Dileep Sanghani said in a press conference here.

The prime minister will launch NCUI’s e-commerce platform ‘NCUI Haat’ for cooperative products. This will facilitate capacity-building support in registration, branding and promotion of products free of cost, he said.

The prime minister’s inaugural address will give a new direction and guidance to the cooperatives working in different fields. The event will be attended by not only 3,500 delegates of cooperative organisations from all over the country but also from across the globe, Sanghani added.

This year’s Indian Cooperative Congress coincides with the International Day of Cooperatives, which is celebrated on the first Saturday of July annually, said International Cooperative Alliance Asia-Pacific (ICA-AP) President and KRIBHCO Chairman Chandra Pal Singh Yadav.

Representatives from eight countries — including Nepal, Bangladesh, Sri Lanka, Iran, Malaysia, Philippines and Papua New Guinea — will attend the event. Besides, representatives from 34 countries, who are members of ICA, will join the event virtually.

The technical sessions will focus on some key issues: cooperative legislation and policy reforms; cross-sectoral collaboration for strengthening cooperative movement; strengthening cooperative education, training and research; ease of doing business for competitive cooperative business enterprises; innovation and technology for cooperative governance; promoting gender equality and social inclusion; and importance of cooperative credit system in the Indian economy.

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कभी सुना है जुकिनी सब्जी का नाम, अगर नहीं तो यहां जानें इसकी खासियत

अगर आप बाजार में मिलने वाली तोरी, भिंडी और लौकी आदि सब्जियों को खाकर बोर हो गए हैं, तो आज इस बेहतरीन व विटामिन से भरपूर जुकिनी सब्जी का सेवन जरूर करें।

विटामिन व खनिज का पावर हाउस जुकिनी सब्जी
विटामिन व खनिज का पावर हाउस जुकिनी सब्जी

घरों में अक्सर कहा जाता है कि अच्छी व ताजा सब्जियां खाओं और अपनी सेहत बनाओं. देखा जाए तो यह एक दम सच भी है. दरअसल, डॉक्टरों का भी यह कहना है कि शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखने के लिए सब्जियों का सेवन करना बहुत ही जरूरी है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सब्जियां मानव शरीर और मानसिक विकास (Mental Development) के लिए बेहद मददगार हैं. आज हम अपने इस लेख में आपके लिए ऐसी ही एक सब्जी की जानकारी लेकर आए हैं, जिसे शायद ही आपने खाया होगा. जी हां इस सब्जी का नाम जुकिनी है. अब आप सोच रहे होंगे कि यह किस तरह की सब्जी है जिसका नाम ही इतना अजीब है. दरअसल, यह एक तरह की तोरी है, जो रंगीन है।

जुकिनी तोरी क्या है?

यह सब्जी एक दम कद्दू की तरह दिखाई देती है. लेकिन यह कद्दू नहीं है। इसका रंग, आकार और बाहरी छिलका बेसक कद्दू जैसा हो लेकिन खाने और बनाने में यह तोरी जैसी है। विभिन्न इलाकों में यह अलग-अलग रंग की होती है कुछ इलाकों में यह पीले व हरे रंग की होती है। इसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। जैसे कि तोरी, तुरई और नेनुआ आदि।

विटामिन व खनिज का पावरहाउस

इस सब्जी में कई तरह के पोषण तत्व पाए जाते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, इसमें लगभग सभी तरह के विटामिन व खनिजों का मिश्रण पाया जाता है। विटामिन ए, सी, के , फाइबर, पोटेशियम आदि की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती हैं। ऐसे में अगर आप इस जुकिनी सब्जी (Zucchini Vegetable) का सेवन करते हैं, तो आप कई तरह की बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं।

एक पौधे से मिलते हैं इतने फल

अगर आप इस जुकिनी सब्जी की खेती (Cultivation of Zucchini Vegetable) करते हैं, तो आप इससे अच्छा मुनाफा पा सकते हैं. क्योंकि इसे एक पौधे से करीब 12 किलो तक फल प्राप्त होते हैं।

लेकिन ध्यान रहे कि इसकी खेती सितंबर और नवंबर के माह में की जाती है. देखा जाए तो इसकी खेती से 25 से 30 दिन के अंदर भी फल आना शुरू हो जाते हैं और फिर 40 से 45 दिनों के अंदर ही इसके फलों की तुड़ाई शुरू कर दी जाती है।

बाजार में इस सब्जी की कीमत

मार्केट में जुकिनी सब्जी की कीमत (Cost of Zucchini Vegetable) लगभग 25 से 30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकती है।

जुकिनी सब्जी के फायदे (Benefits of Zucchini vegetable)

इस सब्जी को खाने से लोगों के शरीर के अंदर की कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे कि हड्डियां मजबूत करना, बीपी नियंत्रित रखना, ब्लड फ्लो को भी बनाए रखना आदि कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।

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Agriculture Machinery Subsidy: भारत में कृषि मशीनरी के लिए विभिन्न राज्यों में मिलने वाली सब्सिडी

किसानों की सुविधा और उनकी उन्नति के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर कृषि मशीनें खरीदने पर सब्सिडी उपलब्ध करवाती हैं। इस लेख में हम अलग-अलग राज्यों द्वारा कृषि यंत्र पर मिलने वाली सब्सिडी पर चर्चा करेंगे और बतायेंगे कि किसानों को किस राज्य में कितने प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाती है।

Agricultural machinery subsidies in India
Agricultural machinery subsidies in India

कृषि मशीनरी किसानों के लिए काम का बोझ कम करने और उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन मशीनों के महत्व को देखते हुए भारत के कई राज्यों में किसानों को कृषि यंत्र खरीदने पर सब्सिडी दी जाती है। यहां हम विभिन्न राज्यों में कृषि मशीनरी पर दी जा रही सब्सिडी की जानकारी दे रहे हैं। जिससे किसानों को आधुनिक तकनीकों को अपनाने और उनकी फसल की खेती को बढ़ाने के लिए सशक्त बनाया जा सकता है।

कृषि यंत्र पर राज्यवार सब्सिडी इस प्रकार हैं-

1. तमिलनाडु

तमिलनाडु का कृषि मशीनीकरण कार्यक्रम विभिन्न मशीनों के लिए सब्सिडी प्रदान करता है. जिसमें पावर टिलर, धान ट्रांस-प्लांटर्स, रोटावेटर, सीड-ड्रिल, जीरो-टिल सीड फर्टिलाइजर ड्रिल, पावर स्प्रेयर और ट्रैक्टर द्वारा संचालित मशीनें जैसे स्ट्रॉ बेलर, पावर वीडर और ब्रशकटर्स शामिल हैं. सामान्य किसानों को 40% सब्सिडी मिलती है, जबकि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसानों को 50% सब्सिडी मिलती है।

2. तेलंगाना

तेलंगाना की यंत्र लक्ष्मी योजना ट्रैक्टर खरीद पर 50% सब्सिडी प्रदान करती है. कृषि मशीनीकरण योजना के तहत, यह अन्य कृषि उपकरण खरीदने के लिए भी सहायता प्रदान करता है. इसके अतिरिक्त, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसान 100% सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं. योग्य स्नातक बीमा और संपार्श्विक सुरक्षा (collateral security) के साथ एसबीआई से ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं।

3. महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में फार्म मशीनीकरण योजना के तहत छोटे, सीमांत और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसानों को ट्रैक्टर के लिए 35% और अन्य मशीनों के लिए 50% सब्सिडी प्रदान किया जाता है. सामान्य श्रेणी के किसानों को ट्रैक्टर के लिए 25% और अन्य मशीनों के लिए 40% अनुदान मिलता है. ऋण 5-9 वर्ष की पुनभुगतान अवधि के साथ सावधि ऋण के रूप में उपलब्ध हैं और 1 लाख रुपये से कम के ऋण के लिए किसी मार्जिन की आवश्यकता नहीं है।

4. उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश की कृषि यंत्र योजना ट्रैक्टर खरीद के लिए लागत का 25% या 45,000 रुपये (जो भी कम हो) की सब्सिडी प्रदान करता है. इसके लिए प्रथमा बैंक महिंद्रा, स्वराज और सोनालिका के सहयोग से ट्रैक्टर ऋण प्रदान करता है।

5. राजस्थान और हरियाणा

राजस्थान और हरियाणा दोनों ही फार्म मशीनीकरण योजना के तहत काम करते हैं. इसके लिए हरियाणा में सर्व हरियाणा बैंक और राजस्थान में एयू बैंक ऋण प्रदान करते हैं. योजनाएं उत्पादन बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाने को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

6. गुजरात

गुजरात में सरकार सामान्य श्रेणी के लिए 25% से अधिक और विशेष श्रेणियों के लिए 35% की ट्रैक्टर सब्सिडी प्रदान करती है. कृषि मशीनरी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं. इसके लिए गुजरात ग्रामीण बैंक से ऋण आसानी से मिलती हैं।

7. कर्नाटक

कर्नाटक राज्य सरकार का उद्देश्य खेती में समयबद्धता, उत्पादकता और कम श्रम को बढ़ावा देना है. इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, सरकार “उबर फॉर एग्रीकल्चर सर्विसेज” योजना के माध्यम से किराये के आधार पर आवश्यक मशीनरी प्रदान करने की योजना बना रही है. किसान वीएसटी टिलर्स, जॉन डीरे और महिंद्रा जैसे सहयोगी ऑटोमोबाइल निर्माताओं से मशीनरी तक पहुंच सकते हैं. ऋण 9 वर्ष तक की चुकौती अवधि के साथ, कृषि सावधि ऋणों के समान ब्याज दर पर उपलब्ध हैं।

8. केरल

केरल सरकार ने फार्म मशीनीकरण प्रणाली (FMS) की शुरुआत की है, एक सॉफ्टवेयर प्रणाली जो मशीनरी वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करती है. ट्रैक्टर की खरीद 25% सब्सिडी के लिए पात्र हैं, जबकि अन्य उपकरण जैसे कि टिलर और रोटावेटर के लिए ऋण उपलब्ध हैं. गर्भावस्था अवधि को छोड़कर, ऋण चुकौती अवधि 5 से 10 वर्ष तक होती है।

9. आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश में ट्रैक्टरों का वितरण रायथु राधम योजना के तहत किया जाता है. योग्यता मानदंड के लिए किसान कम से कम एक एकड़ जमीन का मालिक होना चाहिए. इसके लिए आईसीआईसीआई बैंक 5 साल की चुकौती समय सीमा के साथ ऋण प्रदान करता है।

10. मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश मैक्रो-मैनेजमेंट स्कीम के माध्यम से छोटे ट्रैक्टरों के लिए सब्सिडी प्रदान करता है. यह योजना, राज्य और केंद्र सरकारों के सहयोग से किसानों को उनकी मशीनरी खरीद में सहायता करने के लिए ऋण भी उपलब्ध कराता हैं।

11. असम

असम में मुख्यमंत्री समग्र ग्राम्य उन्नयन योजना (CMSGUY) ट्रैक्टरों के लिए 70% (5.5 लाख रुपये तक) की सब्सिडी प्रदान करती है. पात्र किसानों के पास न्यूनतम 2 एकड़ भूमि होनी चाहिए. इसका 8-10 किसानों के समूह भी लाभ उठा सकते हैं. एसबीआई मशीनों की खरीद के लिए ऋण प्रदान करता है।

12. ओडिशा

ओडिशा की पूंजी निवेश और फार्म मशीनीकरण योजनाएं टिलर के लिए 50% सब्सिडी और ट्रैक्टर के लिए 40% सब्सिडी प्रदान करती हैं. ओडिशा ग्राम्य बैंक कृषि वाहनों की खरीद के लिए ऋण प्रदान करता है, जो 15% मार्जिन के साथ लागत का 85% कवर करता है।

13. पंजाब

पंजाब में पंजाब नेशनल बैंक से ऋण उपलब्ध होने के साथ-साथ किसान दोस्त वित्त योजना (Kisan Dost Finance scheme) भी चलाई जा रही है. इन पहलों का उद्देश्य पंजाब में किसानों को कृषि मशीनरी और उपकरण खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

14. पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल एक एचडीएफसी ऋण और एक ट्रैक्टर प्लस सुरक्षा योजना प्रदान करता है. ये कार्यक्रम पश्चिम बंगाल में ट्रैक्टर और अन्य कृषि मशीनरी की खरीद के लिए किसानों को वित्तीय सहायता और बीमा कवरेज प्रदान करते हैं।

15. अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश कृषि मशीनरी की खरीद में किसानों का समर्थन करने के लिए आईसीआईसीआई बैंक के माध्यम से ऋण प्रदान करता है. ये ऋण राज्य में किसानों को उपकरणों की खरीद के लिए आवश्यक धन का उपयोग करने में सक्षम बनाते हैं, जिससे यंत्रीकृत कृषि पद्धतियों की सुविधा मिलती है।

16. हिमाचल प्रदेश और मेघालय

हिमाचल प्रदेश और मेघालय भी कृषि मशीनीकरण योजना और एसएमएएम (कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन) योजना का पालन करते हैं. इन पहलों का उद्देश्य कृषि में आधुनिक मशीनरी और प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना है, जिससे इन राज्यों में किसानों को अपनी कृषि पद्धतियों और उत्पादकता को बढ़ाने में सक्षम बनाया जा सके।

इन राज्यों की पहल कृषि क्षेत्र में उन्नत मशीनरी और प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए वित्तीय सहायता और समर्थन प्रदान करती हैं। इन सब्सिडी और ऋणों का लाभ उठाकर, देश भर के किसान अपने कृषि कार्यों को आसानी से कर सकते हैं। साथ ही कृषि में उत्पादकता और स्थिरता बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं।

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हर गांव मे अब लगेगा नमो चौपाल, कृषि वैज्ञानिक किसानों को देंगे विशेष सलाह

किसानों के विकास के लिए सरकार आए दिन कुछ ना कुछ करती रहती है। इसी कड़ी में अब मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने हर गांव में नमो चौपाल की शुरुआत की है। इससे गांव-गांव जाकर कृषि वैज्ञानिक खेती-बाड़ी की जानकारी देंगे।

भारत के किसानों की तरक्की के लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है। सरकार किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़कर उनका विकास करना चाहती है। इसके मद्देनजर हाल में सरकार ने अलग-अलग जगहों पर कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों की जानकारी किसानों को उपलब्ध कराने के लिए कृषि मेला आयोजित करने का फैसला लिया है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में कृषि मेले का आयोजन किया जा रहा है।

हर गांव में नमो चौपाल का होगा निर्माण

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में उज्जैन में कृषि मेला आयोजित किया गया था, जिसका शुभारंभ किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल द्वारा किया गया। इस दौरान कृषि मंत्री कमल पटेल ने हर गांव में नमो चौपाल के निर्माण की घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर नमो चौपाल का निर्माण किया जाएगा।

क्या है नमो चौपाल :- नमो चौपाल, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही यह एक ऐसी समाजिक पहल है, जो एक ही मंच पर किसानों, ग्रामीणों और कृषि वैज्ञानिकों को लेकर आता है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने नमो चौपाल के बारे में कहा कि नमो चौपाल पर किसान, ग्रामीण और कृषि वैज्ञानिक खेती-किसानी पर सामूहिक चर्चा करेंगे।

नमो चौपाल का उद्देश्य :- इसका उद्देश्य किसानों की समस्याओं को सुनना और उसका कृषि वैज्ञानिकों द्वारा हल निकालना है।इस मंच से किसानों को उन्नत खेती के तरीके, नवीनतम खेती के तकनीक, आधुनिक कृषि पद्दति, जैविक खेती सहित सभी अहम जानकारी मिलेगी।जैसा की राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर नमो चौपाल का निर्माण किए जाने की योजना बनाई गई है। यहां सभी किसान भाई कृषि विशेषज्ञों के साथ मिलकर अपनी समस्याओं का समाधान और विकास करने की योजना बनाएंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के किसान भी खेती-बाड़ी में आधुनिक तकनीक अपनाकर ज्यादा मुनाफा कमाने में सक्षम हो सकेंगे।

जैविक खेती को अपनाने की अपील:- उज्जैन में आयोजित कृषि मेले में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों से जैविक खेती की ओर आगे बढ़ने की अपील की। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसान अधिक से अधिक जैविक खेती करें।

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

किसानों की फसल के संबंध में अनिश्चितताओं को दूर करने के लिये नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट ने 18 फरवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुयी हानि को किसानों के प्रीमियम का भुगतान देकर एक सीमा तक कम करायेगी।इस योजना के लिये 8,800 करोड़ रुपयों को खर्च किया जायेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत, किसानों को बीमा कम्पनियों द्वारा निश्चित, खरीफ की फसल के लिये 2% प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करेगा।इसमें प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के खिलाफ किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली बीमा की किस्तों को बहुत नीचा रखा गया है, जिनका प्रत्येक स्तर का किसान आसानी से भुगतान कर सके। ये योजना न केवल खरीफ और रबी की फसलों को बल्कि वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी सुरक्षा प्रदान करती है, वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिये किसानों को 5% प्रीमियम (किस्त) का भुगतान करना होगा।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पैसे कैसे मिलेगा ?:- संपादित करेंप्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आप सभी पैसा लेना चाहते हैं, जैसे कि आपको पैसा आपको कांच में आपके चेहरे की तरह दिख रहा है जी हां अगर आप सही में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से पैसे कमाना चाहते हो तो इसके लिए आपको क्लेम करना होगा जिसको बोलते हैं बीमा का क्लेम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को सबसे पहले 72 घंटे के भीतर क्लेम करना होगा ।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सूची संपादित करें विशेषकर इस योजना के अंतर्गत अगर प्राकृतिक आपदाएं के रोगों के कारण अगर आप की फसल बर्बाद हो जाती हैं, तो सरकार के द्वारा आप का भुगतान किया जाएगा जितने आप का नुकसान हुआ है।कृषि में किसानों को सुनिश्चित करने के लिए बीज का भी पैसा मिलेगा आपको।और साथ में दोस्तों इसका उद्देश्य यह भी है, कि किसान विशेषकर कर्ज के कारण आत्महत्या कर लेते हैं, तो उससे भी आपको छुटकारा मिलेगा।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की विशेषताएं व लाभ – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को यदि प्राकृतिक आपदाओं के कारण आर्थिक हानि होती है तो इस हानि को सरकार द्वारा कुछ हद तक कवर करने की कोशिश किया जाता है।इस योजना के तहत किसानों के द्वारा भुगतान की जाने वाली बीमा की प्रीमियम राशि को बहुत ही कम रखा गया है जिससे छोटा किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकें ।सभी खरीफ फसलों के लिए किसानों को केवल 2% और सभी रबी फसलों के लिए 1.5% की प्रीमियम राशि का भुगतान करना होगा।वार्षिक वाणिज्यिक बागवानी फसलों के मामले में किसानों द्वारा भुगतान किया जाने वाला प्रीमियम राशि केवल 5% होगा।पहले यह योजना सभी ऋणी किसानों के लिए अनिवार्य था, लेकिन 2020 के बाद केंद्र ने ऐसे सभी किसानों के लिए वैकल्पिक कर दिया हैइस योजना के तहत post-harvest (फसल कटाई के बाद) नुकसान को भी शामिल किया गया है । फसल काटने के 14 दिन तक यदि फसल खेत में है और उस दौरान कोई आपदा के कारण फसल नुकसान हो जाता है तो किसानों को दावा राशि प्राप्त हो सकेगी ।इस योजना में टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया जाएगा जिससे नुकसान का आकलन शीघ्र और सही हो सके ।यह योजना कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है।बीमा राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ऑनलाइन रूप से जमा की जाती है।

मुख्य तथ्यइस फसल बीमा योजना में शामिल किये गये मुख्य तथ्य निम्नलिखित हैं: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की भुगतान की जाने वाली प्रीमियम (किस्तों) दरों को किसानों की सुविधा के लिये बहुत कम रखा गया है ताकि सभी स्तर के किसान आसानी से फसल बीमा का लाभ ले सकें।इसके अन्तर्गत सभी प्रकार की फसलों (रबी, खरीफ, वाणिज्यिक और बागवानी की फसलें) को शामिल किया गया है। खरीफ (धान या चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, गन्ना आदि) की फसलों के लिये 2% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा। रबी (गेंहूँ, जौ, चना, मसूर, सरसों आदि) की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा। वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों बीमा के लिये 5% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा।सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। यदि बचा हुआ प्रीमियम 90% होता है तो ये सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।शेष प्रीमियम बीमा कम्पनियों को सरकार द्वारा दिया जायेगा। ये राज्य तथा केन्द्रीय सरकार में बराबर-बराबर बाँटा जायेगा।ये योजना राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एन.ए.आई.एस.) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एम.एन.ए.आई.एस.) का स्थान लेती है।इसकी प्रीमियम दर एन.ए.आई.एस. और एम.एन.ए.आई.एस. दोनों योजनाओं से बहुत कम है साथ ही इन दोनों योजनाओं की तुलना में पूरी बीमा राशि को कवर करती है।इससे पहले की योजनाओं में प्रीमियम दर को ढकने का प्रावधान था जिसके परिणामस्वरुप किसानों के लिये भुगतान के कम दावे पेश किये जाते थे। ये कैपिंग सरकारी सब्सिडी प्रीमियम के खर्च को सीमित करने के लिये थी, जिसे अब हटा दिया गया है और किसान को बिना किसी कमी के दावा की गयी राशी के खिलाफ पूरा दावा मिल जायेगा।प्रधानमंत्री फसल योजना के अन्तर्गत तकनीकी का अनिवार्य प्रयोग किया जायेगा, जिससे किसान सिर्फ मोबाईल के माध्यम से अपनी फसल के नुकसान के बारें में तुरंत आंकलन कर सकता है।प्रधानमंत्री फसल योजना के अन्तर्गत आने वाले 3 सालों के अन्तर्गत सरकार द्वारा 8,800 करोड़ खर्च करने के साथ ही 50% किसानों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है।मनुष्य द्वारा निर्मित आपदाओं जैसे; आग लगना, चोरी होना, सेंध लगना आदि को इस योजना के अन्तर्गत शामिल नहीं किया जाता है।प्रीमियम की दरों में एकरुपता लाने के लिये, भारत में सभी जिलों को समूहों में दीर्घकालीन आधार पर बांट दिया जायेगा।ये नयी फसल बीमा योजना ‘एक राष्ट्र एक योजना’ विषय पर आधारित है। ये पुरानी योजनाओं की सभी अच्छाईयों को धारण करते हुये उन योजनाओं की कमियों और बुराईयों को दूर करता है।

इस योजना के कुछ अन्य लाभ – प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना के माध्यम से किसान को होने वाले नुकसान के लिए सरकार द्वारा बिमा प्रदान किया जायेगा |इस योजना का लाभ वही किसान ले सकते है जिनका किसी प्राकृतिक आपदा के कारन नुकसान हुआ है |अन्य किसी कारन से नुकसान होने पर इस योजना का लाभ नहीं ले सकते है |योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते है |

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किसान सुविधा प्री पेड कार्ड का विधिवत शुभारंभ

एजेंसियां – नई दिल्लीचैंबर ऑफ बिजनेस व इंटर प्रेन्योर इंडिया कौंसिल के निदेशक सौरभ मित्रा ने नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक पत्रकार वार्ता में किसान सुविधा प्री पेड कार्ड का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस मुहिम को लागू करने के लिए किसान मित्र रखे गए हैं और वे गांव-गांव जाकर किसानों को इस योजना के संबंध में जागरूक करेंगे और किसानों को इस योजना से जुड़े सारे लाभ के बारे में अवगत करवाएंगे। यह एक बहुत ही बेहतरीन योजना है और जल्द ही सारे भारत में यह योजना लागू हो जाएगी और किसानों को इसका जल्द ही फायदा भी मिलने लगेगा |

इस मौके पर सौरभ मित्रा ने बताया कि इस कार्ड के जरिए देश भर के किसान न केवल सही दाम पर उर्वरक और बीज खरीद सकेंगे बल्कि वे खेती के काम में इस्तेमाल होने वाले औजार और उपकरण भी उचित दामों पर अब खरीद पाएंगे। सौरभ मित्रा ने पत्रकारों को बताया कि यह किसान सुविधा कार्ड बहुत बेहतर है और इसके माध्यम से किसान सरकारी मान्यता प्राप्त एनबीएफसी कंपनी से छोटा कर्ज फौरी तौर पर ले सकेंगे। इससे वे साहूकारों के चंगुल से बच जाएंगे। किसान सुविधा कार्ड के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठाया जा सकता है। वहीं सरकारी रियायत के भी अब किसान हकदार होंगे।

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Farmer facility in Garhwa (Jharkhand), prepaid card will be started, will be able to buy fertilizers, seeds and equipment.

Kishan Suvidha Card was inaugurated in Garhwa on Sunday. The Kishan Suvidha Card was inaugurated by Saurabh Mitra, Director, Chamber of Business and Entrepreneur India Council. On this occasion, Mitra said that now farmer friends from all over the country will go to every village and connect the farmers with this scheme. In this way, soon the farmers of the whole country will be able to take advantage of this wonderful scheme. He said that through this card, farmers across the country will not only be able to buy fertilizers and seeds at the right price. Rather, you will be able to get the tools and equipment used in farming at reasonable rates.

He informed the journalists that through the Kishan Suvidha Card, the farmer can also get a small loan from the government recognized NBFC company Will be able to take it easily. At the same time, you will be saved from getting trapped in the clutches of moneylenders. Farmers will also be able to take advantage of various government schemes through the Kishan Suvidha Card. At the same time, you will also be able to get the concession given by the government.

Shopping can also be done through this card. Kishan Suvidha Card is the farmer’s own account. Through which money can be taken. Due to which they will get all the facilities which are available only in the cities today. On this occasion, Chief Guest Archana Prakash, State Coordinator Sarwar Khan, State Project Incharge Sushanto Vardhan, Zonal Incharge Bhisma Kumar, District Incharge Neeraj Kumar Pal, Chief Nandkishore Turi, Parshuram Verma etc were present.

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Inauguration of Kishan Suvidha Kendra in Rangamod( Devghar)

Baidyanathdham (Nis).

India District Council President Kiran Kumari, State Coordinator Sarwar Khan, State Project Incharge Sushant Vardhan, District under the leadership of Saurabh Mitra, Director of the Chamber of Business and Entrepreneur India Council, located near Rangamod on Sunday regarding the government’s ambitious scheme Kisan Yojana Digitization. Incharge Ranjit Kumar Mandal and Shiv Shankar Mandal, Chief Nandkishore Turi, Parshuram Verma, Chamber of Commerce’s Ravi Kesari and Sarath chief Gautam Ramani jointly did it. On the occasion, Jeep President Kiran Kumari said that prepaid cards have been arranged for farmers through Kisan Suvidha Kendra. Through which many facilities will be given to the farmers. He told that through this card, the subsidy for the purchase of seeds, fertilizers and other chemicals will also go to this account. which can be withdrawn.

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Kisan Suvidha Facilitation Center opened in Barmasia.

(Deoghar)/ The District Center of Kisan Suvidha was inaugurated in Barmasia by Sourav Mitra, Director of Chamber of Business and Entrepreneur Council.

In which, while launching the Kisan Suvidha Prepaid Card, he said that now Kisan Mitra will go from village to village and connect the farmers with this scheme, in this way soon the farmers of the whole country will be able to take advantage of this excellent scheme.

He told that through one card, farmers across the country will not only be able to buy fertilizers and seeds at the right price, but also get the tools and equipment used in farming at reasonable rates. Farmers Government through Kisan Suvidha Card Send Favorite [Small loans] can also be taken from recognized NBFC company and they can be saved from getting trapped in the clutches of moneylenders. Through Kisan Suvidha Card, farmers will also be able to take advantage of various government schemes. They will also be given the benefit of the concession given by the government. Buying and selling can also be done through the card, farmer facility has its own account through which the money will be taken or given.

District Council President Kiran Kumari, State Coordinator Sarwar Khan, State Project Incharge Sushanto Bardhan, Zonal Incharge Ajay Kumar Mehta, District Incharge Ranjit Kumar Mandal, Shivshankar Mandal, Chamber of Commerce Ravi Keshari, Sarath chief Gautam Ramani, Chief Nandkishore Turi, Parshuram were present on the occasion. Verma was present.

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New district centre arrived .

New district centre arrived in all over India in different places and different states.like bihar , jharkhand,Delhi…ETC.

If you could provide more information or context about the “Kishan Suvidha Card” you are referring to, I would be glad to assist you further and provide more accurate information.The agricultural sector is the backbone of India’s economy, and ensuring the welfare and prosperity of farmers is crucial for overall development. In a significant step towards empowering farmers, the introduction of Kishan Suvidha Centers has brought accessible information and essential services closer to the farming community. These centers aim to revolutionize the way farmers access agricultural resources and support, fostering their growth and productivity. Let’s delve into the significance and impact of Kishan Suvidha Centers.

Crop Fields: Images of lush green crop fields showcasing different crops such as rice, wheat, corn, or cotton.

Farmers at Work: Pictures of farmers engaged in various agricultural activities like plowing, sowing seeds, harvesting crops, or tending to livestock.

Farming Equipment: Images showcasing modern farming equipment and machinery like tractors, harvesters, irrigation systems, or threshers.

Rural Landscapes: Photographs capturing the serene and picturesque countryside, including rural villages, farmhouses, or scenic landscapes.

Agricultural Markets: Pictures depicting farmers’ markets, where farmers sell their produce directly to consumers, showcasing colorful fruits, vegetables, and other agricultural products.

Agricultural Techniques: Images highlighting innovative and sustainable farming practices such as organic farming, hydroponics, vertical farming, or agroforestry.

Livestock and Dairy Farming: Pictures showcasing livestock animals like cows, buffaloes, goats, or poultry, as well as dairy farms and milk processing units.

Agricultural Festivals: Photographs capturing traditional agricultural festivals in India, such as Pongal, Baisakhi, Makar Sankranti, or Onam.

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Farmers in Fields: Images depicting farmers working in the fields, engaged in activities such as planting, harvesting, or tending to crops.

Traditional Farming Practices: Pictures showcasing farmers using traditional methods like bullock plowing, hand-operated tools, or manual irrigation.

Women in Agriculture: Photographs highlighting the significant role of women in agriculture, including images of women farmers working in fields or managing live.

Market Prices: Farmers can check the latest prices of agricultural commodities in various markets across India, helping them make informed decisions about selling their produce.

Plant Protection: Information on crop pests, diseases, and their management is available to assist farmers in taking appropriate measures to protect their crops.

Crop Insurance: Farmers can access information about various crop insurance schemes, their coverage, and the process to enroll in them.

Soil Health: The app provides information on soil health and fertility management practices, enabling farmers to take measures to improve soil health.

Agriculture Inputs: Farmers can get details about agricultural inputs such as seeds, fertilizers, pesticides, and their availability in nearby markets.

Farm Machinery: Information on farm machinery, including rental services and custom hiring centers, is available to assist farmers in accessing mechanized farming equipment.