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Kuchla: वात रोगों को जड़ से ख़त्म करती है यह बूटी, शरीर में खून की कमी होती है पूरी

आज हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसी भी तरह के संक्रामक रोग के साथ ही अन्य बहुत से रोगों के इलाज में बहुत लाभकारी होती है। तो चलिए जानते हैं इस पौधे के बारे में पूरी जानकारी।

This herb fulfills the deficiency of blood in the body.
This herb fulfills the deficiency of blood in the body.

बहुत से औषधीय पौधों के बारे में तो हम सभी जानते हैं। लेकिन आज भी बहुत से पौधे ऐसे हैं जिनमें हजारों औषधीय गुण होने के बाद भी हम उनके बारे में या उनके प्रयोग के बारे में अंजान हैं। इन्हीं पौधों में एक नाम कुचिला (Kuchla) के पौधे का भी आता है। हममें से बहुत ही कम लोगों ने इस पौधे का नाम सुना है। लेकिन इसमें हमारे शरीर के कई रोगों को ख़त्म करने की ताकत होती है। तो चलिए जानते हैं कि यह पौधा कैसे उपयोगी होता है हमारे लिए।

दक्षिण एशिया वनों में मिलती है यह औषधि

कुचिला (Kuchla) पौधा, जिसका वैज्ञानिक नाम “Strychnos nux-vomica” है, यह उच्च औषधीय महत्व वाला एक प्रमुख औषधीय पौधा है। यह एक छोटा सा पेड़ है जो मुख्य रूप से दक्षिण एशिया के वनों में पाया जाता है। कुचिला पौधे की बीजें औषधीय गुणों के लिए प्रयोग में लाई जाती हैं। इसके बीजों में विभिन्न औषधीय तत्वों की मात्रा होती है, जिन्हें यूनानी चिकित्सा में “नक्स वोमिका” कहा जाता है।

दो ख़ास औषधीय तत्व होते हैं इसमें

कुचिला के बीजों में स्ट्रिक्नीन (Strychnine) और ब्रुसीन (Brucine) नामक दो मुख्य औषधीय तत्व होते हैं. इन तत्वों के कारण कुचिला पौधा तीव्र विषैला भी होता है, और इसे सावधानीपूर्वक उपयोग किया जाना चाहिए. इन बीजों के उपयोग से बनाए जाने वाली औषधि से अनेक रोगों का इलाज किया जाता है, जैसे कि वातरोग (रीमैटॉयड आर्थराइटिस), जीर्ण खांसी, आर्थराइटिस, यकृत रोग, रक्ताल्पता, मलेरिया, दुर्बलता, जैसे अन्य रोग।

संक्रामक रोगों में भी है कारगर

कुचिला संक्रामक रोगों के इलाज में भी उपयोगी होता है. यह पौधा कठोर, बिंदुपुष्टि वाला होता है, और इसकी तने की रंगत हरे और बैंगनी होती है. कुचिला के बीजों का पाउडर, तेल, अवशोषित रस के रूप में प्रयोग किया जाता है।

हमने आपको शुरुआत में ही बताया है कि यह पौधा विषाक्त भी होता है. तो इसका उपयोग बहुत ही सावधानी पूर्वक करना चाहिए. अगर आप इसका प्रयोग पहली बार कर रहे हैं तो आपको किसी अनुभवी या वैद्य की सलाह ले लेनी चाहिए।

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