हम अक्सर दुकानों में मंहगी से मंहगी Beer/शराब को देखते हैं। इन्हीं में से एक ऐसी शराब के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिनका सेवन देश के कई बड़े राजा किया करते थे, पढ़ें पूरी खबर।
Beer/Liquor: हम मादक पदार्थों में शराब की सबसे ज्यादा मात्रा में बिक्री को बाज़ार में देख सकते हैं। इसके सेवन का शौक आज से नहीं बल्कि बहुत पुराने समय से होता आ रहा है। बात हमारे देश की हो या किसी अन्य देश की सभी राजाओं के शौक में शराब या मदिरा एक प्रमुख पेय के रूप में उपलब्ध कराई जाती रही है। वर्तमान में यह पूरी तरह से आधुनिक तकनीकों एवं निर्धारित मात्रा के आधार पर तैयार की जाती है. लेकिन आज हम आपको उस पुराने समय में शराब को तैयार की जाने की पूरी विधि के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं कि पहले कैसे बनती थी यह शराब।
गूर से शराब बनाने की विधि
सबसे पहले, पके हुए अंगूरों को ताजगी से चुनें. पके हुए अंगूर मीठे और पके हुए रंग के होते हैं. अंगूरों को धोकर अच्छी तरह से साफ करें।अंगूरों को हल्के हाथों से मसलकर उसमें लगी किसी भी प्रकार की गन्दगी को साफ़ कर लें. अंगूरों के बीज और खाली स्किन को हटा दें। आप इसे कर्पेट रोलर या हाथों से मसलकर कर सकते हैं। इसके बाद आपको एक बड़े प्रेशर कुकर में इसको रख कर 10 से 15 मिनट तक पकाना होगा। अंगूरों को कुकर में कुछ इस तरह से रखना होगा की अंगूर पूरी तरह से पानी में डूब जाएं। कुकर में इनको पकाने के बाद इनका रस आगे बनने वाली वाइन के लिए तैयार हो जाता है। इतनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंगूरों को एक साफ़ कपड़े या सूखी जार में छान लें।
अंगूरों का रस किसी बड़े पतीले में ले लें और उसमें चीनी डालें। सामान्य रूप से, 1 किलोग्राम अंगूरों के लिए 500 ग्राम से 1 किलोग्राम चीनी का उपयोग किया जाता है। चीनी को अंगूर रस में घोल दें. अब, अंगूर रस को बड़ी-बड़ी बोतलों में भरा जाना होता है। इन सभी बोतलों को एक अँधेरे और ठंडी जगहों पर रखा जाता है। वैसे तो यह जितनी पुरानी हो जाती है बाज़ार में इसके दाम उतने ही ज्यादा मिलते हैं। लेकिन अगर आप इसे 2 सप्ताह से 2 महीने तक भी बोतलों में बंद करके रखते हैं तो भी आपको इसके स्वाद में कोई कमी नहीं मिलेगी। वाइन के पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद इसको छान कर प्रयोग में ला सकते हैं।
सरकारी तौर पर प्रतिबंधित है यह शराब
आपको जानकारी के लिए बता दें कि यह लेख केवल आपको जानकारी देने मात्र के लिए तैयार किया गया है। सरकार द्वारा इस तरह की शराब का निर्माण करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। कई बार इसको बनाते समय जब अनुपातिक मात्रा में गड़बड़ी हो जाने पर लोगों की मौत भी हो जाती है। भारत के बिहार राज्य में तो शराब की बिक्री या सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।
केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा इसके निर्माण को रोकने के लिए कई तरह के क़ानून बनाये गए हैं। जिनमें जुर्माने से लेकर कई वर्षों की जेल तक का प्रावधान है।