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भारत में कृषि से जुड़ी पांच सबसे बड़ी समस्याएं और उनके समाधान।

भारत में कृषि की उपयोगिता और व्यापकता सभी जानते है, भारत की संस्कृति और अर्थव्यवस्था पर इसका क्या प्रभाव है वो भी सभी जानते है। सभी लोग कृषि क्षेत्र में तरक्की और किसानों की खुशहाली की बात करते है, हालाकि आज कृषि के हालात किस तरह के है यह भी स्पष्ट है। अब सवाल यह है कि कृषि के विकास को लेकर जब सभी वांछित है तो ऐसे हालात क्यों है। इसलिए हम आज 5 ऐसी समस्याओं के बारे में बात कर रहे है जो कृषि के व्यवसाय में अवरोध बनी हुई हैं।

1. सिंचाई के लिए पानी की कमी:- भारत में जिस तरह की फसलें बोई जाती है उनके के लिए पानी बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन खरीफ में अनियमित बारिश की समस्या हो या रबी फसलों के लिए पानी की कमी की समस्या हो किसानों को हर वक्त पानी परेशान करता रहता है। आज के दौर में जहां जलवायु परिवर्तन का खतरा मंडरा रहा है, भू जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है ये समस्या भयानक होने की तरफ बढ़ रही है। लेकिन अब इसके जवाब में ऐसे बीज जिनमें पानी की कम जरूरत पड़े, सिंचाई के उन्नत तकनीक और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता सामने आ रहे है।

2. छोटी और बिखरी हुई भूमि:- आज कृषि की सबसे बड़ी समस्या यही है किसानों के सबसे बड़े हिस्से के पास सबसे कम जमीन है। भारत में लघु व सीमांत किसान 86% है लेकिन उनके अधिकार में 50% से भी कम भूमि है। भूमि के असमान वितरण और छोटे किसानों की अधिक संख्या एक ऐसी समस्या है जिसका जवाब ढूंढना बहुत कठिन है। हां पर अगर किसान एक साथ मिलकर सामूहिक रूप से बड़ी भूमि पर वैज्ञानिक तरह से खेती करें तो इसका भी समाधान हो सकता है।

3. कृषि के प्रति नई पीढ़ी में रुचि का अभाव:- किसान पर किए कई सर्वो में यह सामने आया है कि 50% किसान अपने बच्चों को किसानी नहीं करवाना चाहते, साथ ही नई पीढ़ी में किसानी नहीं करना चाहती। हालाकि आज भी कृषि से देश का 49% रोजगार उपलब्ध होता है पर आने वाले समय में यह बड़ी समस्या हो सकती है। कृषि मशीनीकरण को इसके समाधान के तौर पर देखा जा सकता है, साथ ही पढ़ी-लिखी नई पीढ़ी की जैविक खेती में रुचि और उनके वैज्ञानिक तरह से कृषि का लाभ उठाने वाले किस्से नई आस जगाते हैं।

4. मृदा अपरदन:- उपजाऊ भूमि के बड़े भाग हवा और पानी द्वारा मिट्टी के क्षरण से पीड़ित हैं। इस क्षेत्र को ठीक से इलाज किया जाना चाहिए और इसकी मूल प्रजनन क्षमता को बहाल करना चाहिए, जिसके लिए पेड़ों को लगाना एक अच्छा उपाय है।

5. सरकारी योजनाओं का असफल क्रियान्वयन:- सरकारें कई योजनाएं बनाती हैं पर उनका पूरा लाभ किसानों तक नहीं पहुंच पाता। पहले तो किसानों में योजनाओं के प्रति जागरूकता की कमी है अगर जागरूकता हो भी तो सरकारी अफसरों के भ्रष्टाचार और काग़ज़ी झंझटो का सामना करना पड़ता है। समस्या गंभीर है पर जैसे जैसे किसान शिक्षित होते जाएंगे और सरकारी संस्थाओं का डिजिटलाइजेशन होगा इस समस्या का भी समाधान हो जाएगा।समस्याएं और भी लेकिन सबके इलाज मिल सकते है, जरूरी है किसान समस्याओं से अधिक समाधान के बारे में सोचें और जागरूक बने। अगर आप भी किसानों से जुड़ी कोई भी समस्या सामने लाना चाहते हैं या किसी समस्या के समाधान बताना चाहते हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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किसान सुविधा प्री पेड कार्ड का विधिवत शुभारंभ

एजेंसियां – नई दिल्लीचैंबर ऑफ बिजनेस व इंटर प्रेन्योर इंडिया कौंसिल के निदेशक सौरभ मित्रा ने नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक पत्रकार वार्ता में किसान सुविधा प्री पेड कार्ड का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस मुहिम को लागू करने के लिए किसान मित्र रखे गए हैं और वे गांव-गांव जाकर किसानों को इस योजना के संबंध में जागरूक करेंगे और किसानों को इस योजना से जुड़े सारे लाभ के बारे में अवगत करवाएंगे। यह एक बहुत ही बेहतरीन योजना है और जल्द ही सारे भारत में यह योजना लागू हो जाएगी और किसानों को इसका जल्द ही फायदा भी मिलने लगेगा |

इस मौके पर सौरभ मित्रा ने बताया कि इस कार्ड के जरिए देश भर के किसान न केवल सही दाम पर उर्वरक और बीज खरीद सकेंगे बल्कि वे खेती के काम में इस्तेमाल होने वाले औजार और उपकरण भी उचित दामों पर अब खरीद पाएंगे। सौरभ मित्रा ने पत्रकारों को बताया कि यह किसान सुविधा कार्ड बहुत बेहतर है और इसके माध्यम से किसान सरकारी मान्यता प्राप्त एनबीएफसी कंपनी से छोटा कर्ज फौरी तौर पर ले सकेंगे। इससे वे साहूकारों के चंगुल से बच जाएंगे। किसान सुविधा कार्ड के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठाया जा सकता है। वहीं सरकारी रियायत के भी अब किसान हकदार होंगे।