PKVY) परम्परागत कृषि विकास योजना 2023 : ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व लॉगिन केंद्र सरकार द्वारा परम्परागत कृषि विकास योजना की शुरुआत की गयी है। यह योजना में किसानों के विकास के लिए की गयी है। योजना के माध्यम से किसान भाईयों को जैविक खेती (organic farming) करने का लक्ष्य सरकार ने प्रदान किया है।
बारे में
योजना नाम | परम्परागत कृषि विकास योजना |
के द्वारा | भारत सरकार |
मंत्रालय | कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार |
लाभ लेने वाले | राज्य के किसान नागरिक |
उद्देश्य | जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता राशि प्रदान करना |
साल | 2023 |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड |
सहायता राशि | 50 हजार रुपये |
श्रेणी | केंद्र सरकारी योजना |
आधिकारिक वेबसाइट | pgsindia-ncof.gov.in |
2015 में लॉन्च परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई), केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस), सतत कृषि पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमएसए) के तहत मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (एसएचएम) का एक विस्तारित घटक है। पीकेवीवाई का लक्ष्य जैविक खेती का समर्थन और प्रचार करना है, जिसके परिणामस्वरूप मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।
यह योजना भारत के लिए भागीदारी गारंटी प्रणाली (पीजीएस) भारत (पीजीएस-इंडिया) को जैविक प्रमाणन के रूप में बढ़ावा देती है जो पारस्परिक ट्रस्ट पर बनाई गई है, स्थानीय रूप से प्रासंगिक है और प्रमाणन की प्रक्रिया में उत्पादकों और उपभोक्ताओं की भागीदारी को अनिवार्य है। पीजीएस – भारत “थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन” के ढांचे के बाहर काम करता है।
इस योजना के तहत क्रमशः केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा 60:40 के अनुपात में फंडिंग पैटर्न है। उत्तर पूर्वी और हिमालयी राज्यों के मामले में, केंद्रीय सहायता 90:10 (केंद्र: राज्य) और केंद्र शासित प्रदेशों के अनुपात में प्रदान की जाती है, सहायता 100% प्रदान की जाती है।
इस योजना का उद्देश्य 20 हेक्टेयर के 10,000 क्लस्टर बनाने और 2017-18 तक कार्बनिक खेती के तहत लगभग दो लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र लाने का लक्ष्य है।
परम्परागत कृषि विकास योजना से मिलने वाले लाभ व विषेशताएं
परम्परागत कृषि विकास योजना से मिलने वाले लाभ जानने के लिए दिए गए पॉइंट्स को पूरा पढ़े।
- परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत अच्छी क्वालिटी की मिटटी का उत्पाद होगी और अधिक फर्टिलिटी होगी।
- योजना के तहत किसानों की आय में वृद्धि हो सकेगी।
- आवेदक को योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकरण करना आवश्यक है।
- इस योजना से मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि किसान भाइयों के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
- ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करने पर आवेदक किसान के समय और पैसे दोनों बच सकेंगे।
- आवेदक अपने मोबाइल व कंप्यूटर के माध्यम से योजना का आवेदन कर सकेंगे।
- जैविक खेती को और अधिक बढ़ावा देने के किसानों आर्थिक सहायता राशि भी दी जाएगी।
- आवेदक किसान के पास अपना स्वयं का बैंक खाता होना बहुत जरुरी है, जो की आधार कार्ड से होना बहुत जरुरी है।
- योजना के माध्यम से सरकार किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
लक्ष्य
उद्देश्य पर्यावरण अनुकूल, कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों को अपनाकर रसायनों और कीटनाशकों के अवशेषों से मुक्त कृषि उत्पादों का उत्पादन करना है। कार्बनिक खेती को बढ़ावा देने में पीकेवीवाई के प्रमुख जोर क्षेत्रों में निम्न शामिल हैं:
ग्रामीण युवाओं / किसानों / उपभोक्ताओं / व्यापारियों के बीच जैविक खेती को बढ़ावा देना जैविक खेती में नवीनतम तकनीकों का प्रसार करना.
भारत में सार्वजनिक कृषि अनुसंधान प्रणाली से विशेषज्ञों की सेवाओं का उपयोग करें.
एक गांव में कम से कम एक क्लस्टर प्रदर्शन आयोजित करें.
लाभार्थी:
किसान
लाभ:
पीकेवीवाई का लक्ष्य जैविक खेती का समर्थन और प्रचार करना है, जिसके परिणामस्वरूप मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।
सेक्टर: कृषि
Paramparagat Krishi Vikas Yojana हेतु पात्रता
अगर आप भी योजना का आवेदन करना चाहते है तो आपको इसकी पात्रता का पता होना बहुत आवश्यक है जिसके बाद ही आप आवेदन कर सकेंगे। योजना हेतु पात्रता जानने के लिए दिए गए पॉइंट्स को पूरा पढ़े।
- केवल किसान नागरिक ही इस योजना का आवेदन कर सकेंगे।
- आवेदक किसान भारत राज्य का मूलनिवासी होना आवश्यक है।
- योजना का आवेदन 18 साल से ऊपर के किसान नागरिक कर सकते है।
- परम्परागत कृषि विकास योजना का आवेदन करते आवेदक के पास अपने सभी दस्तावेज होने जरुरी है।
आवश्यक दस्तावेज
योजना का आवेदन करने के लिए आवेदक को आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी का पता होना बहुत जरुरी है। हम आपको आवश्यक दस्तावेजों के बारे में जानकारी बताने जा रहे है जो इस प्रकार से है:
आधार कार्ड | रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर | मूल निवास प्रमाणपत्र |
जन्म प्रमाणपत्र | आय प्रमाणपत्र | आयु प्रमाणपत्र |
बैंक पासबुक | बैंक अकाउंट नंबर व IFSC कोड | राशन कार्ड |
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